ठिठुरती,

ठिठुरती,

शायरी सर्दी की ठिठुरती रात,
में फुटपाथ पर अरमान है,
दिलबर मुझे छोड़ के किसी,
और पे मेहरबान है |
happy winter

आईने,

आईने,

आज आईने के सामने खड़े हो,
कर खुद से माफ़ी माफ़ी ली मैंने,
सब से ज्यादा खुद का ही दिल,
दुखाया है दूसरों को खुश करने में।