शायरी सर्दी की ठिठुरती रात, में फुटपाथ पर अरमान है, दिलबर मुझे छोड़ के किसी, और पे मेहरबान है | happy winter
आज आईने के सामने खड़े हो, कर खुद से माफ़ी माफ़ी ली मैंने, सब से ज्यादा खुद का ही दिल, दुखाया है दूसरों को खुश करने में।